


पुरदिलनगर के मोहल्ला पथवारी गेट मैं चल रही रामलीला मैदान में रामलीला मंच पर रामलीला का मंचन करते हुए कलाकार रामलीला में बड़े-बड़े वीरों ने शिव धनुष को को तोड़ने के लिए आए और रावण भी आया जब वीरों पर धनुष नहीं टूटा तो राजा जनक जी हुए उदास तब वीर लक्ष्मण ने वचन कहे श्री राम जी के सामने आपको ऐसे कठोर वचन कहते हुए ललचा नहीं आई जनक जी तब श्री राम ने गुरु विश्वामित्र जी से आज्ञा मांगी आज्ञा मिलते ही शिव धनुष को पर चाप चढ़ाई और शिव धनुष तोड़ दिया जिस पर परशुराम ने आकर क्रोध किया तब श्री राम प्रभु ने परशुराम जी का क्रोध शांत किया धनुष पर चढ़ना तीर दक्षिण दिशा में छोड़ दिया जहां अनेकों राक्षस रहते थे उनका संघार हुआ फिर सीता जी ने श्री राम को वरमाला पहनाई जनकपुरी में धूमधाम से बजने लगी शहनाई सीता स्वयंवर देखभक्त भाव विभोर हुए











